Watermelon

तरबूज एक गर्मियों की फसल है जिसे बलुई दोमट मिट्टी और अच्छे जल निकास की आवश्यकता होती है। यह आमतौर पर फरवरी-मार्च में बोई जाती है और 75-90 दिनों में तैयार होती है। फसल को नियमित सिंचाई और कीट-रोग नियंत्रण की जरूरत होती है।

बचाव के सामान्य उपाय
  1. रोग-प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
  2. बुवाई से पहले बीजों का उपचार करें।
  3. खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
  4. समय-समय पर फसल का निरीक्षण करें।
  5. खरपतवार और रोगग्रस्त पौधों को हटा दें।
  6. जैविक एवं रासायनिक दवाओं का सही उपयोग करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: तरबूज में कौन-कौन से रोग लगते हैं?
तरबूज में चूर्णिल आसिता, मृदुरोमिल आसिता, बड नेक्रोसिस, जड़ गलन, मोजैक वायरस, और झुलसा जैसे प्रमुख रोग लगते हैं।

Q2: फसलों को सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है?
बुवाई से पहले बीज उपचार, जल निकासी की व्यवस्था, और नियमित निरीक्षण से फसलों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

Q3: तरबूज के फल सड़ने का क्या कारण है?
तरबूज के फलों का सड़ना फफूंद जनित रोग और फल मक्खी जैसे कीटों के कारण होता है।