क्या है?
यह रोग एक प्रकार की फफूंद के कारण होता है, जो पौधों की पत्तियों और तनों को प्रभावित करता है।
लक्षण:
- सफेद पाउडर जैसे दाग पत्तियों और तनों पर दिखाई देते हैं।
- पत्तियां पीली होकर सूखने लगती हैं।
- फूल और फलों की संख्या में कमी।
नुकसान:
- पौधों की वृद्धि रुक जाती है।
- उपज में भारी कमी आती है।
बचाव और उपचार:
- बुवाई से पहले बीज को 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू.पी. से उपचारित करें।
- खेत में गंधक पाउडर और एज़ोक्सिस्ट्रोबिन जैसे रसायनों का छिड़काव करें।
- आवश्यकता पड़ने पर 10-15 दिन के अंतराल पर दवाओं का पुनः छिड़काव करें।