क्या है?
यह रोग फफूंद के कारण होता है और मुख्यतः छोटे पौधों को प्रभावित करता है।
लक्षण:
- जड़ों और तनों का सड़ना।
- तनों का रंग भूरा हो जाता है।
- पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
नुकसान:
- पौधे सूखने लगते हैं।
- फसल की वृद्धि रुक जाती है।
बचाव और उपचार: प्रति एकड़ 300 ग्राम मेटालैक्सिल + मैंकोज़ेब का छिड़काव करें।